भारत में मशरूम की खेती एवं रोजगार परक संभावनाएं: विशेषकर भागलपुर जिले के संदर्भ में
सुमित कुमार
यह अध्ययन भारत में विशेष रूप से बिहार राज्य के भागलपुर जिले में मशरूम की खेती एवं उससे जुड़ी रोजगारपरक संभावनाओं का विश्लेषण करता है। शोध का मुख्य उद्देश्य मशरूम की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि, पोषण एवं औषधीय महत्व, प्रमुख प्रजातियाँ, उनके उत्पादन की तकनीकी विधियाँ तथा स्थानीय स्तर पर किसानों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति का अवलोकन करना था। शोध कार्य हेतु माध्यमिक स्रोतों, समाचार पत्रों, वैज्ञानिक प्रकाशनों तथा सरकारी योजनाओं की समीक्षा की गई।
परिणामस्वरूप यह ज्ञात हुआ कि मशरूम एक अत्यंत पौष्टिक एवं औषधीय गुणों से युक्त खाद्य पदार्थ है, जिसमें उच्च गुणवत्ता का प्रोटीन, सभी आवश्यक अमीनो अम्ल, खनिज तत्व, कम वसा और शर्करा पाई जाती है। यह विशेष रूप से शाकाहारी तथा मधुमेह रोगियों के लिए अत्यंत उपयोगी है। इसके अतिरिक्त इसमें एंटी-कैंसर, एंटीवायरल, इम्यूनोमॉड्यूलेटरी और हाइपोकोलेस्ट्रोल प्रभाव भी पाए जाते हैं। भारत में विशेष रूप से बटन, ऑइस्टर, दूधिया, पैडी स्ट्रॉ, शिटाके और औरीकुलेरिया मशरूम की खेती व्यापक रूप से होती है।
भागलपुर जिले में पिछले कुछ वर्षों में मशरूम उत्पादन में तीव्र वृद्धि देखी गई है, जहाँ अब लगभग 500 छोटे-बड़े किसान जुड़ चुके हैं। सरकार द्वारा दी जा रही सब्सिडी एवं प्रशिक्षण कार्यक्रमों से किसानों को प्रोत्साहन मिल रहा है। यह देखा गया कि महिलाएं भी इस क्षेत्र में सक्रिय रूप से भाग ले रही हैं। विश्वविद्यालय स्तर पर भी उत्पादन की पहल की जा रही है, जिससे रोजगार एवं राजस्व दोनों में वृद्धि की संभावनाएं हैं।
सुमित कुमार. भारत में मशरूम की खेती एवं रोजगार परक संभावनाएं: विशेषकर भागलपुर जिले के संदर्भ में. Int J Finance Manage Econ 2025;8(1):404-409. DOI: 10.33545/26179210.2025.v8.i1.520