International Journal of Financial Management and Economics
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E-ISSN: 2617-9229|P-ISSN: 2617-9210
International Journal of Financial Management and Economics
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Vol. 6, Issue 1 (2023)

भारत के ग्रामीण परिवेश में बैंकिंग सेवाओं के विपणन


डॉ० सुरेन्द्र यादव

बैंक मार्केटिंग का अर्थ विपणन के सिद्धान्तों का योग बैंक द्वारा दी जाने वाले सेवाओं में करना तथा विपणन सिद्धान्त का प्रयोग योजनाओं के निर्णायन में करना विपणन की विचारधारा के विकास के साथ-साथ बैंक विपणन में भी परिवर्तन हमें साफ दिखाई पड़ता है जिसका उदाहरण इलेक्ट्रानिक बैंकिंग द्वारा प्रमाणित होता है। विपणन की अवधारणा की न होकर प्रचार एवं संवर्धन के रूप में हुई बाद में विशेषज्ञों ने महसूस किया विपणन स्वयं में एक इंजन है जो समाज को सही दिशा ले जाने में सार्थक होगा। कुछ विशेषज्ञों के विचार में विपणन अवधारणा के बिना बैंक प्रणाली का विकास असम्भव है और यही सोच बँक विपणन अवधारणा का स्रोत बनी जिस प्रकार विपणन प्रक्रिया में नये वस्तुओं और सेवाओं का विकास किया जाता है नयी योजनाएँ तथा उनका क्रियान्वयन किया जाता है जिससे कि समाज के हर वर्ग तक वस्तुएँ और सेवाएँ पहुँचाई जा सके तथा हर वर्ग के अवश्यकतानुसार उनको सेवाओं का लाभ मिल सके तथा संस्था को भी लाभ की प्राप्ति हो। उसी प्रकार बैंकों ने भी विपणन की व्यवस्था को अपना लिया।
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How to cite this article:
डॉ० सुरेन्द्र यादव. भारत के ग्रामीण परिवेश में बैंकिंग सेवाओं के विपणन. Int J Finance Manage Econ 2023;6(1):180-182. DOI: 10.33545/26179210.2023.v6.i1.192
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